जानिए ट्रांसजेंडर श्रीगौरी सावंत की कहानी, जिस पर बनी है वेब सीरीज “ताली”

Aanchal
By Aanchal

आज के समय में इंडिया में फिल्मों से ज्यादा वेब सीरीज को लेकर फैन्स में काफी क्रेज़ देखा जा रहा है I आज हर कोई वेब सीरीज का दीवाना है I आए दिन कोई न कोई नयी वेब सीरीज आ जाती है I हाल ही में  बॉलीवुड की फेमस अभिनेत्री सुष्मिता सेन की “ताली” वेब सीरीज 15 अगस्त आई I जिसमे सुष्मिता ने एक  ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाई है जिसका नाम ‘श्रीगौरी सावंत’ है। 15 Aug को जिओ सिनेमा पर रिलीज हुई इस वेब सीरीज को दर्शक काफी पसंद कर रहे है। गौरी सावंत की स्वाटोरी बहुत दर्हद भारी है जो लोगो को एक सीख भी दे रही है I तो आज हम आपको बतायेंगे कि ताली की असल ज़िन्दगी की श्रीगौरी सावंत के बारे में I

आपको बता दें कि गौरी सावंत का जन्म एक पुलिस अफसर के घर हुआ था जिनका पहले नाम गौरी नही बल्कि गणेश था। यह पुणे की रहने वाली है। गणेश को शुरुआत से ही महिलाओं की तरह दिखना अच्छा लगता था। वह लडको के जैसा रहना पसंद नही करती थी । हालांकि, उसके पिता को गणेश का लड़कियों की तरह सजना पसंद नहीं था। बता दें कि 9 वर्ष की आयु में ही इनकी माँ का निधन हो चुका था।

लड़की की तरह सजना सवरना उनके पिता ने स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद उन्होंने अपना घर 14- 15 साल की उम्र में ही छोड़ दिया। जिसके बाद उनका जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा रहा। शुरुआत में श्रीगौरी ने एक एनजीओ जिसका नाम  ‘हमसफर ट्रस्ट’ है उसे ज्वाइन किया था। बाद में उन्होंने एक NGO ‘सखी चार चौगी’ की  शुरुआत की ।

आपको बता दें कि श्रीगौरी सावंत का कहना है कि वह अपने 3 भाई-बहन में सबसे छोटी थी इसलिए भगवान ने शायद उन्हें थर्ड बनाकर भेजा। ट्रांसजेंडर होने के कारण  कोई भी उनसे बात नही करता था बल्कि उन्हें ताने सुनाए जाते थे जिससे उन्हें बहुत दुःख होता था ।

लेकिन इसके बाद भी श्रीगौरी सावंत शुरू से ही हक और अधिकारों के लिए लड़ा। धारा 377 का उन्होंने काफी विरोध किया था। यही नही बल्कि उन्होंने तो ट्रांसजेंडर को आधार कार्ड बनवाने की भी लड़ाई  लड़ी। बता दें कि वह राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की एक याची थी। इसमें उन्हें जीत मिली और इसके लिए उन्हें कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

यही नही गौरी सावंत 2014 में थर्ड जेंडर को गोद लेने का अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली पहली ट्रांसजेंडर थी। इसके अलावा भी श्रीगौरी सावंत का NGO कई सामाजिक और सहायता वाले काम करता है जैसे नौकरी ढूंढने और एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की भी सहायता करता है। उनका नाम गणेश से गौरी सावंत इसलिए पड़ा क्योंकि वह बड़ी होकर मां बनना चाहते थी। इसी कारण उन्होंने अपना नाम श्रीगौरी सावंत रखा।

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आंचल ने MIT देहरादून से मॉस काम की पढ़ाई की है। इसके बाद विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में काम किया। अगस्त २०२३ से इस पोर्टल में बतौर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूर्सस हैं।